Fascination About बिटकॉइन माइनिंग भारत
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क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरणों में बिटकॉइन, एथेरियम और लाइटकॉइन शामिल हैं।
'ऑपरेशन मोगादिशु' की कहानी जिसके बाद अमेरिका को सोमालिया से निकलना पड़ा
इसकी दो प्रमुख वजहें बताई जाती हैं. पहली ये कि सस्ती बिजली की आपूर्ति और दूसरा दोस्ताना सरकारी नीतियां.
वे बिटक्वॉइन ट्रांजैक्शन्स की वैधता को वेरिफाई करने का काम करते हैं.
स्कैमर्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि साइन अप करने या उसमें अपना पैसा निवेश करने से पहले किसी साइट के बारे में समीक्षा पढ़ें। ट्रस्ट पायलट जैसे स्रोत साइटों की समीक्षा करने और यह जांचने के लिए एक बेहतरीन जगह हैं कि वे वैध हैं या धोखाधड़ी।
मुख्य परीक्षा (वर्षवार) मुख्य परीक्षा (विषयानुसार) ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ टेस्ट सीरीज़ के लिये नामांकन
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल की उपस्थिति में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आई आई टी) रोपड़ के साथ खनन और भू-विज्ञान के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित करने हेतु एक समझौता पत्र (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ये मालूम नहीं है कि इसमें कितनी बिजली ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से मिलती है लेकिन डाना येरमोलिनोक जैसी पर्यावरणदियों का कहना है कि कज़ाख़स्तान जैसे देशों में केवल दो फ़ीसदी बिजली ही ग़ैरपरंपरागत स्रोतों से हासिल होती है.
क्लाउड माइनिंग के विचार में क्या योगदान है?
कनेक्टेड माइनर्स क्लाउड माइनिंग क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के मूल सिद्धांत पर काम करती है। क्लाउड माइनिंग में, माइनर्स साझा उपकरणों का उपयोग क्रिप्टोक्यूरेंसी माइनिंग भारत करके जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए अपनी खनन शक्ति को एक साथ जोड़ते हैं।
बिटक्वॉइन माइनिंग एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा नए बिटक्वॉइन सर्रकुलेशन में आ जाते हैं. इस तरीके से नेटवर्क में नए ट्रांजैक्शन भी कन्फर्म हो जाते हैं. और माइनिंग को एक बेहतर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके किया जाता है.
और यही कारण है कि रैट-होल माइनर्स दिप्रिंट के इस सप्ताह के न्यूज़मेकर्स हैं.
करेंट अफेयर्स करेंट अफेयर्स, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
आज की तारीख़ में मध्य एशिया का ये देश क्रिप्टो माइनिंग के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन बेहसाब बिजली खपत करने वाले इस इंडस्ट्री के डेटा सेंटर्स कज़ाख़स्तान में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स पर दबाव बढ़ा रहे हैं.